गुरुवार, 10 अगस्त 2017

जब पूँछ बाहर निकली तो टेढी ही रही!

माननीय हामिद अंसारी जी ने उपराष्ट्र्पति पद से आज अन्तिम विदाई प्राप्त की और दोनो सदनो के सद्स्यो के बीच यह कह कर आग लगादी कि "आज भारत मे मुस्लिम संप्रदाय असु्र्छित महसूस कर रहा है!"अभी तक तो एक आस लगाये बैठे थे कि शायद भारत का प्रथम नागरिक होने का सौभाग्य प्राप्त हो जाय वर्ना एक ही रात मे एक महिला की चोटी की तरह उनकी सैक्यूलरिज़्म की चोटी कैसे कट कर गिर गई?वर्ना जब आमिर खान की पत्नी किरन राव को को अहसास हुआ कि "भारत मे उनका परिवार असुरछित है"तब उन्होने समर्थन क्यू नही दिया !जब देश भर मे साम्प्रदायिक्ता के खिलाफ़ सरकारी पारितोषिक पद्मभूषन,वापिसी का सैलाब आया तो उनका ज़मीर क्यूँ सोता रहा?जब देश और समाज़ से सर्वाधिक प्राप्त होने की आस टूट गई तो कौम का ख्याल आ गया! खेद का विषय है कि बारह साल बाद भी जब पूँछ बाहर निकली तो टेढी ही रही! बोधिसत्व कस्तूरिया एड्वोकेट कवि-पत्रकार "भास्वर भारत" हैदराबाद (अन्तराश्ट्रीय हिन्दी मासिक पत्रिका)

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