मंगलवार, 5 जनवरी 2010
आप सब तक पहुंचे ,नव वर्ष की शुभकामनायें>> सुख ,समृधि ,सर्वत्र महके ,है यही मम भावनाएं>> अब ना कोई आतंकवाद का ,ज़ोर-ज़ुल्म आए राहों में,>> हर मुमताज़ जीना चाहे ,शाहजहाँ की बाहों में>> इश्क-मोहब्बत से ही पनपती हैं ,पुरानी-नयी सभ्यताएं>> आप सब तक पहुंचें नव वर्ष की शुभ कामनाएं>> अब तौबा करो ,तोप-तलवार और संगीन से,>> नयी पीढी को सजाने दें ,सपने नए रंगीन से>> खौफ से मिटती है ,विश्वास की मान्यताएं ,>> आप सब तक पहुंचे ,नव वर्ष की शुभ कामनाएं>> ज़ख्म से भी होता है दर्द ,मोहब्बत भी इसे जगाता है>> विश्वास और इखलाख ,ख़ुद आतंकवाद को भगाता है>> दीवाना वहशीपन ,दरिंदगी थीं ,गए साल की विवशताएँ>> आप सब तक पहुंचें ,नववर्ष की शुभ कामनाएं>> बोधी सत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुंज सिकंदरा आगरा २८२००७>
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welcome sir,
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना, स्वागत है
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनायें के साथ ब्लाग जगत में परिवार आपका स्वागत करता है।
जवाब देंहटाएंvery nice......!!
जवाब देंहटाएंwelcome......!!
Naye saal kee aapko bhi anek shubhkamnayen!
जवाब देंहटाएंNaye saalkee anek shubhkamnayen!
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