ये कनक कामिनी कंचन काया ,
इसका भ्रम कोइ जान ना पाया !!
ब्रह्मा भूले , विष्णू हारे,शंभू थर्राया,
जिनकी संगत ने ब्रह्माण्ड हिलाया!! ये कनक कामिनी .......
ऋषी -मुनी और तपस्वी तक हारे
जब इसने अपना ब्रह्मास्त्र चलाया !! ये कनक कामिनी .........
इसकी हर शै है मीठा मोह-जाल,
जिसे आज तलक कोई तोड़ न पाया !! ये कनक कामिनी ........
है स्रष्टि- कर्ता ,जीवन-दाता ये माता ,
ब्रह्माणी,रुद्रानी ,काली और महामाया!! ये कनक कामिनी .........
रूप अनेक और अद्भुत आकर्षण ,
समर्पण और श्रद्धा की प्रति -छाया !! ये कनक कामिनी .........
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुंज सिकंदरा आगरा 282007
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