गुरुवार, 15 मार्च 2012

जांबाज़

दर्द को जो हंस कर सहते हैं ,
हर हाल में वो खुश रहते हैं !
ज़िन्दगीमे खुशी ज़्यादा ,गम कम है ,
फिर भी गम  को हम नहीं सहते हैं !!दर्द को जो....
गम तो खुशी बढाने के खुराक है,
वरना खुशी में भी लोग रोते रहते हैं !!दर्द को जो.....
वो कौन है जो गम से रूबरू न हुआ,
हंस के दफा करे,उसे जाबाज़ कहते हैं
बोधी सत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुंज सिकंदरा आगरा 282007

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