मंगलवार, 27 मार्च 2012

हम हिन्दुस्तानी....


हम  हिन्दुस्तानी यूं ही नही कहलाते हैं,
दुशमन को केवल हम ही गले लगाते है!!
श्रद्धा-भाव,समर्पण का यहाँ नही कोई सानी,
पत्थर मे भरकर इनको हम देव बनाते हैं!! हम हिन्दुस्तानी.....
प्रक्रति हम सबको कुछ न कुछ देती है,
नदी,सूर्य-चन्द्र वछो,को हम अर्ध्य लगाते हैं!!हम हिन्दुस्तानी....
धर्म -प्रेम मे नतमस्तक होकर हम ही ,
धन,बैभव सम्पदा निःसंकोच भाव लुटाते है!!हम हिन्दुस्तानी......
अपने धर्म पर मिटने वाले बेशक हों पर,
हिन्दू-मुस्लिम,सिख-इसाई,भाई  कहलाते है!!हम हिन्दुस्तानी....
नर को नारायण,नारी को देवी कहने वाले,
इक दूजे को परस्पर आदर भाव निभाते हैं!!हम हिन्दुस्तानी...
भगत सिंह और राज गुरू के हम बंशज़ है,
उनकी गाथाओं को ही जीवन मे अपनाते हैं!!हम हिन्दुस्तानी..
इन विविध विधाओं के वैग्यानिक है हम,
इसीलिये तो हम हिन्दुस्तानी  कहलाते है !!हम हिन्दुस्तानी...
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७

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