रविवार, 23 दिसंबर 2012

पुलिस


जब कुछ और नही होता है,
वह अपने महलों मे सोता है!
वो और नही है कोई भाई,
वो अंगेजो का ही तोता है !!
कहते है उस्को पुलिस सभी,
जो दानव का ही पोता है !!
माँ,बहन और बेटी कोई नही,
जब हाथ मे ड्न्डा होताहै !!
जलियाँवाला बाग याद हमे,
इन्डियागॆट  अब रोता है !!
समय बदल गया, नही ये,
प्रजातंत्र मे भी  होता है !!
रॆप-बलात्कार शरीर से नही,
केवल विवेक से होता है !!
आज दिल्ली पुलिस ने किया,
शासन क्यूँ फ़िर सोता है ?
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा-२८२००७

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