बुधवार, 5 अक्तूबर 2011

कहता है दिल........

कहता है यह दिल चीख-चीख,

सरहदे अलग सारा जहाँ हमारा !!

हर मुल्क फ़ूल सा महके-पनपे,

दुनिया हो जाये गुलिस्ताँ हमारा !! कहता है दिल........

हर मज़ह्ब साथ-साथ,फ़ूलें -फ़लें,

ट्कराव से करें हम सब किनारा !! कहता है दिल........

भूले भी किसी की जुबाँ पर न हो,

यह सब है मेरा, वो है तुम्हारा !! कहता है दिल........

ज़ोशे-जवानी मे गर जंग भी हो,

करेगे सारे मिसायल हल दोबारा !! कहता है दिल........

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७



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