कहता है यह दिल चीख-चीख,
सरहदे अलग सारा जहाँ हमारा !!
हर मुल्क फ़ूल सा महके-पनपे,
हर मज़ह्ब साथ-साथ,फ़ूलें -फ़लें,
ट्कराव से करें हम सब किनारा !! कहता है दिल........
भूले भी किसी की जुबाँ पर न हो,
यह सब है मेरा, वो है तुम्हारा !! कहता है दिल........
ज़ोशे-जवानी मे गर जंग भी हो,
करेगे सारे मिसायल हल दोबारा !! कहता है दिल........
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७
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