नव वर्ष का स्वागत करो
२०१२ प्रगति का अन्त नही,
आगाज़ है इससे मत डरो !!
माया सभ्यता का अन्त है,
पर भारतीयता अनन्त है,
चिरकालीन,दीर्घ कालीन है,
इसका दीप प्रज्ज्वलित करो!! नव वर्ष......
पर्यावरण-प्रदूषण,भ्र्ष्टाचार,
नैतिक अवमूल्यन,अनाचार,
प्रगति के पर्याय है!
इनका तुम उन्मूलन करो !! नव वर्ष......
स्वदेशी मे स्वजन स्पर्ष है,
इसे अपनाने का उत्कर्ष है,
नव वर्ष का यह हर्ष है,
इसको विषाद से मत हरो!! नव वर्ष.....
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७
२०१२ प्रगति का अन्त नही,
आगाज़ है इससे मत डरो !!
माया सभ्यता का अन्त है,
पर भारतीयता अनन्त है,
चिरकालीन,दीर्घ कालीन है,
इसका दीप प्रज्ज्वलित करो!! नव वर्ष......
पर्यावरण-प्रदूषण,भ्र्ष्टाचार,
नैतिक अवमूल्यन,अनाचार,
प्रगति के पर्याय है!
इनका तुम उन्मूलन करो !! नव वर्ष......
स्वदेशी मे स्वजन स्पर्ष है,
इसे अपनाने का उत्कर्ष है,
नव वर्ष का यह हर्ष है,
इसको विषाद से मत हरो!! नव वर्ष.....
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७
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