शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2010

चाँदनी रात

सुनाओ कुछ मिलन की बात अच्छी!

जिससे कटे यह चाँदनी रात अच्छी !!

हर रात की नही होती बात अच्छी !

जब जगे ज़ज्बात,है शुरूआत अच्छी !!

दिल लगा हो तो, लगती हरबात अच्छी!

प्यार मे तो लगती , कड्वी बात अच्छी!!

तुम दूर चले जाओ, नही यह बात अच्छी !

फ़िर मिलो न मिलो,नही यह बात अच्छी !!

याद आती है, मिलन की वो रात अच्छी !

हुई थी तुमसे पहली ,वो मुलाकात अच्छी !!

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज

सिकन्दरा,आगरा -२८२००७