शनिवार, 31 दिसंबर 2011

नवे साल 2012

म मिलानेनवे साल में साली- सल्हेज़ सmilave  को मनवा ब्याकुल है ,
कोइ कोकिल सी कूके , कोइ म्हारी प्यारी सुन्दर  बुलबुल है !

कैसी मीठी लागे इनके तरकस से निकसी उल्टी सीधी   बाणी ?
जैसे जेठ भरी दुपहरिया ,काऊ बाबड़ी  को ठंडो -मीठो   पाणी !!

जब ठुमक-ठुमक चलें जे, लहरावे इनको घड़ें घेर को घाघरो ,
सिमला सो होय जावे है ,जेठ माह मेऊ जू अपनो     आगरो !!

]बिनकी प्रीत करावे शीत ,पर जा तन में आय गयी गरमाई ,
भूल गओ हों सब मै अपनो ,मफलर ,टोपी  और नरम रजाई !!

बोधिसत्व   कस्तूरिया   २०२ नीरव निकुंज सिकंदरा आगरा 282007 


"क्या होता है नया साल?"

आज सुबह से ,


सभी पूछ रहे है_

नये साल का ,

क्या रिजोल्यूशन है?

मैने कहा- मै अभी असमजंस मे हूं-

मँहगाई,भ्रष्टाचार का

क्या कोई सोल्यूशन है?आज सुबह.....

सब बोले -

यह अन्तराष्ट्रीय समस्या है,

उसका नये साल से क्या कनैक्शन है?आज सुबह.....

मैने पूछा "क्या होता है नया साल?"

बोले बतलाता हूं ,

अरबो की दारू पी लो और करो धमाल,

मैने पूछा उनसे पहले आप बताये-

इग्लिश दारू, डान्स-पार्टी सैलीब्रेशन है!!आज सुबह.....

एक बोला ३ नई कम्पनी खोल रहाहूं,

पैसा-बैसा पास नही है,

फ़िर भी नया इमैजीनेशन है!!आज सुबह....

नये नये इश्यू निकाल पैसा बटोरेंगे,

डूबा तो पब्लिक का डूबा,

चल गया तो फ़्यूचर जैन्रेशन है!!.आज सुबह.....

एक बोले ३ नई मेरी फ़िल्मे आयेंगी,

अभिनेता के बेटे है ,

प्रोड्यूसर का एक्सप्लाइटेशन है!!आज सुबह.....

प्रजातंत्र तो वंशवाद पर चल रहा है-

पूजीपति का पूजी पति,

नेता का नेता ,अभिनेता का अभिनेता रि-क्रियेशन है!!आज सुबह.....

मै गरीब किसान का बेटा,

क्या रिसोल्यूशन पास करू!

अध्नंगा,टूटी खटिया पर लेटा,

क्यों सपनो की आस करूं ?

बोले फ़िर भी कुछ तो कहना होगा,

करना होगा,

मैने कहा-भ्रष्टाचार,मँह्गाई मिटी

तो ज़िन्दा ,वर्ना मरना होगा !!

उन बिगडे रईसज़ादो के बात समझ न आई !

बोले- "क्या होता है भ्रष्टाचार और मँह्गाई?"

मैने कहा -यह सब आप की किस्मत मे नही,

पर उस दिन आप बटोर रहे थे ,

राम लीला मैदान चलो-अन्ना का अनशन है !!आज सुबह.....



बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७





शनिवार, 24 दिसंबर 2011

नव वर्ष का स्वागत करो

नव वर्ष का स्वागत करो


२०१२ प्रगति का अन्त नही,

आगाज़ है इससे मत डरो !!

माया सभ्यता का अन्त है,

पर भारतीयता अनन्त है,

चिरकालीन,दीर्घ कालीन है,

इसका दीप प्रज्ज्वलित करो!! नव वर्ष......

पर्यावरण-प्रदूषण,भ्र्ष्टाचार,

नैतिक अवमूल्यन,अनाचार,

प्रगति के पर्याय है!

इनका तुम उन्मूलन करो !! नव वर्ष......

स्वदेशी मे स्वजन स्पर्ष है,

इसे अपनाने का उत्कर्ष है,

नव वर्ष का यह हर्ष है,

इसको विषाद से मत हरो!! नव वर्ष.....

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७

शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

तुमने लिखा

रात तुम कुछ लिखते रहे,

और मै गहरी नीद सो गई!

जब सुबह उठ कर मै,

तुम्हारी उस मेज़ तक गई!!रात......

कुछ कागज़ बिखरे पडे थे,

उन्हे पढ आँखे चुधिया गई!

कितना प्यार करते हो मुझे,

सोच कर ही मै शरमा गई !! रात........

मेरे रूप का अदभुत वर्णन,

पढ कर मै सच सकुचा गई!!

तुमने लिखा मुझे सुमन ,

मै उपवन मे गोते खा गई !! रात.....

तुमने लिखा चाँद मुझको,

चाँदनी बन धरा पर आ गई!!

तुम्हारा स्नेह और समर्पण,

तुमसे ज़्यादा मै पा गई!! रात.....

तुमने लिखा त्रप्ती मुझे ,

मै सप्त सागर मे नहा गई !!

तुमने कहा सजनी मुझे ,

मै गर्व से फूली समा गई !! रात.....

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७

शनिवार, 10 दिसंबर 2011

दर्द की दास्तान

मेरे दर्द की अज़ब दास्तान है,
ज़ख्म दिखता ही नही कहाँ है?
मिला है जब से ये दर्द मुझको,
खिला-खिला सा सारा जहाँ है !!
जवानी का जोश है या ज़ुनून,
वर्ना दर्द मे कोई हँसता कहाँ है?
कुछ कहते इसे मेरी दीवानगी,
मै कहता दीवाना सारा जहाँ है!!
बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुंज सिकंदर आगरा 282007