रविवार, 23 अक्तूबर 2011

दीपावलि

कितने दीप जलाऊं ,मिट जावे अन्तस का अँधियारा ?

जब चारों ओर फ़ैला हो ,भ्रष्टाचार,अनाचार का उज़ियारा!!

हर ओर तम छाया है, कैसे हो "तमसो माँ ज्योतिर्गमय"!

रावण जीवित हो तो, कैसे निष्क्रिय हो अयोध्या का भय?

राम कहाँ छुपे बैठे हो, भयाक्रान्त सीता को कौन बचायेगा?

जिसकी होगी लाठी , कल्युग मे भी भैंस वही ले जायेगा !!

सरकारी- सेवा मे भी, सेवा कम मेवा की होड मची है !

सत्ता-धारीयों ने भी ,जनता को चूसने की कैसी दौड रची है?

संसद से तिहाड तक,आना -जाना अब शर्म की बात नही,

दीपावलि पर अब दीप जलाना, कोई धर्म की बात नही !!

धर्म-कर्म की बातें, कलियुग मे बिलकुल बेमानी लगती है!

धर्म की आड मे, धर्माचार्यो की दूकानो की बोली लगती है!!

योगी भोगी बन बैठे, जब सत्ता का पाठ पढाने लगते हैं !

अन्तस के भीतर के रावण को सत्ता-ठाठ सताने लगते है!!

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा -२८२००७

बुधवार, 5 अक्तूबर 2011

कहता है दिल........

कहता है यह दिल चीख-चीख,

सरहदे अलग सारा जहाँ हमारा !!

हर मुल्क फ़ूल सा महके-पनपे,

दुनिया हो जाये गुलिस्ताँ हमारा !! कहता है दिल........

हर मज़ह्ब साथ-साथ,फ़ूलें -फ़लें,

ट्कराव से करें हम सब किनारा !! कहता है दिल........

भूले भी किसी की जुबाँ पर न हो,

यह सब है मेरा, वो है तुम्हारा !! कहता है दिल........

ज़ोशे-जवानी मे गर जंग भी हो,

करेगे सारे मिसायल हल दोबारा !! कहता है दिल........

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७



हिन्दी दिवस ........

हिन्दी दिवस पर सभी हिन्द वसियो का अभिनन्दन !

हिन्दी फ़िल्मो से पैसे कमाकर ,अंग्रेज़ी बोले जो जन,

द्ख-देख मन हो रहा व्यथित, अन्तस करता क्रन्दन !!हिन्दी दिवस ....

उन सबका बहिष्कार ,जो राष्ट्र-भाषा का करे तिरस्कार,

माता सी मधुर,पित्र-तुल्य स्नेही, करते इसका गुंजन !!हिन्दी दिवस .....

है कितना विशाल ह्रदय,सब भाषाओं को करे अंगीकार,

अंग्रेज़ी और उर्दू,भाषा के शब्दो का भी इसमे मिश्रन !!हिन्दी दिवस .......

सात समन्दर पार अनेको देशो मे इसका हो गुणगान,

है मेरी अभिलाषा ,विश्व-बन्धुत्व का इससे हो चित्रन !!हिन्दी दिवस ........

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७

मंगलवार, 4 अक्तूबर 2011

परहेज़ नही




उम्र के इस पडाव पर, अच्छे-बुरे किसी से कोई गुरेज़ नही !

लोग सच्चा -जूठा माने, हमे जूठे से भी कोई परहेज़ नही !!

इस कदर पाबस्ता हैं हम ,अपने आश्याने की दरो-दीवार से,

खबर खुशी की हो या गमी की,कोई भी हैरत अंगेज़ नही !! उम्र के इस पडाव पर.....

दर्द का भी अब तो कोई खास, दिल पे अहसास होता नही,

जिसने जब चाहा जो दिया ,उसमे कोई भी तो चंगेज़ नही !!उम्र के इस पडाव पर.....

कोई कमसिन हो ,कोई हसीन हो,क्या फ़र्क पडता है यारो?

सब हाड-माँस के पिजंरे मे कैद, कोई सैक्स की चेज़ नही !!उम्र के इस पडाव पर...

धर्म और ईमान की बातें, सब बडी बेमानी सी लगती हैं,

इन्साँ को गीता-कुरान की, झूठी कसम से भी परहेज़ नही !!उम्र के इस पडाव पर...

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७

मो:९४१२४४३०९३

रविवार, 2 अक्तूबर 2011

शपथ

गाँधी और लाल बहादुर के जन्म दिवस पर,

शपथ तुम्हे ,उनके त्याग और बलिदानो की !

सत्य,शान्ति,और अहिंसा पर न्यौछावर कर,

नव -भारत का निर्माण करो अभिमानो की !!

विश्व शान्ति के प्रणेताओ की कसम तुम्हे ,

सॄष्टि करो भ्रष्टाचार-मुक्त समाज के अरमानो की!!

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुंज सिकंदरा आगरा २८२००७
मो:9412443093