गुरुवार, 22 सितंबर 2011

ये कनक कामिनी

ये कनक कामिनी कंचन काया ,
इसका भ्रम कोइ जान ना पाया !!
ब्रह्मा भूले , विष्णू हारे,शंभू थर्राया,
जिनकी संगत ने ब्रह्माण्ड हिलाया!! ये कनक कामिनी .......
ऋषी -मुनी और तपस्वी तक हारे
जब  इसने अपना  ब्रह्मास्त्र चलाया !!  ये कनक कामिनी .........
इसकी हर शै है मीठा मोह-जाल,
जिसे आज तलक कोई तोड़ न पाया !! ये कनक कामिनी ........
है स्रष्टि- कर्ता ,जीवन-दाता ये माता ,
ब्रह्माणी,रुद्रानी ,काली और महामाया!! ये कनक कामिनी .........
रूप  अनेक  और अद्भुत आकर्षण ,
समर्पण और श्रद्धा की प्रति -छाया  !!  ये कनक कामिनी .........




बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुंज सिकंदरा आगरा 282007

मंगलवार, 13 सितंबर 2011

अपनी-अपनी

अपनी-अपनी कुर्सी से चिपके रहो प्यारे,

जिनका मर गया ज़मीर,उन्हे कौन मारे!!

जनता तो मरने को है,कभी आतंक वाद,

कभी मँहगाई और कभी प्रशासन के मारे!! अपनी- अपनी कुर्सी........

पाँच साल के लिये, मिल गई जो कुर्सी,

चाह कर भी फ़िर ,कौन गद्दी से उन्हे उतारे!! अपनी- अपनी कुर्सी........

जनता को बेलने पड रहे हैं कितने पापड?

बेटे की फ़ीस,ट्यूशन,रसोई कर रहे हैं उघारे!! अपनी- अपनी कुर्सी........

समझ नही आता फ़िर भी कैसे करते हैं?

लोग पैट्रोल का कुल्ला और दारू के गरारे !! अपनी- अपनी कुर्सी........

हाँ बेशक उनके घर पर चूल्हा ना जले,

उनकी ज़िन्दगी तो बस, मौज़-मस्ती है प्यारे!! अपनी- अपनी कुर्सी........

बीबी झिक-झिक करती, तेल ७०रू०किलोहै,

पकौडी कैसे बनाऊ,सब्ज़ी झौकने से भी हारे !! अपनी- अपनी कुर्सी........

बच्चो को खाना खिलाये या पढा्यें-लिखायें,

मध्यम वर्गीय परिवारो को नज़र आ गये तारे!!अपनी- अपनी कुर्सी........

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७

रविवार, 11 सितंबर 2011

janam din

यह आपके आशीष और स्नेह की है अविरल धारा,


जिसने इस जीवन मे न जाने कितने बार है उबारा!!

जब कभी लेखनी ने ,विश्राम की कल्पना की है,

तब तब आत्मा ने आवाज़ दी और विवेक ने पुकारा!! यह आपके........

यूं ही समय कटता गया, और पता भी नही चला,

कब उम्र ने दस्तक दी कि अब आ गया है किनारा !! यह आपके........

कल तलक तो माँ- बाप का साथ था सानिध्य था,

लगता था " आज भी हूं छोटा बच्चा कोई कुवाँरा !! यह आपके........

पर इस बरस वो नही है,सब कुछ बदल चुका है ,

ना कोई ममता की झिडकी ,ना कोई डाँट का फ़ु्वारा!!यह आपके........

बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७