शनिवार, 8 सितंबर 2018

आज़ादी

मुझे किसी से कोई सरोकार नही ऐसा कोई बैगैरत खुद्दार नही! एक दूज़े के साथ मिल्जुल ज़िन्दगी चल्ती है, खुद खरीद खुद्को बेच ले ऐस कोई व्यापार नही! फ़िर क्यो किसी को अपने से कमतर समझते हो? मै और तुम मिल्कर हम हुये, क्या इसका इसरार नही? बडी ज़िल्लतो से मिलकर पाई है हमने आज़ादी, डुबा न देना सफ़ीना मझदार मे अभी मन्ज़िल दूर है पार नही!!

गुरुवार, 23 अगस्त 2018

विश्णु का मन्दिर

श्री अखिलेश यादव भू० पू० मुख्य मन्त्री उ०प्र० ने कहा कि वे यदि सत्ता मे आते हैं ,तो विश्णु का मन्दिर बनायेगे वो भी आंगरकोट की तरह भव्य होगा ,जिसके लिये अद्ध्यन हेतु उनके मन्त्रिमन्डल के सदस्य आंगरकोट जायेंगे,प्रश्न यह उठता हि कि सत्ता मे पहुंचने के लिये वोटों का हिन्दुत्व सन्स्क्रत प्रदर्शन है? दूसरी बात है कि आखिर यह राजतन्त्र की परछाई ७० साल बाद भी प्रजातन्त्र मे क्यूं मे मौज़ूद है? भारतीय प्रजातन्त्र मे जनता के गाढी कमाई से उत्पन्न राजस्व की बर्बादी पर यह राज नेता अपना अधिकार कैसे समझते है? बोधिसत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा,आगरा २८२००७